“हद”

जो तौर है दुनिया का

उसी तौर से रहो

हम भी अपनी जद में है

तुम भी अपनी हद में रहो।

बहुत उड़ान भरें है बाँझ ने

उसे उसकी हद ना बताओ

तुम चंचल चिड़िया हो

बस अपनी हद में रहो।

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